मंगल ग्रह हमेशा से ही वैज्ञानिकों को आकर्षित करता रहा है. हाल ही में इसके वातावरण में होने वाली घटनाओं, खासतौर पर हरे रंग की रोशनी(Aurora)के बारे में नई जानकारी सामने आई है जो कभी-कभी आसमान में दिखती है. धरती पर जहां ऑरोरा सिर्फ ध्रुवों के पास होते हैं, वहीं मंगल ग्रह पर पूरे आसमान में चमक दिखाई देती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि Mars Planet का कोई मजबूत चुंबकीय क्षेत्र नहीं है. मंगल ग्रह के Aurora की भविष्यवाणी करने की यह नई क्षमता बड़ी सफलता साबित हो सकती है.
क्या ये ऑरोरा धरती से अलग है?
बता दें कि धरती पर यह चमक सूर्य से आने वाले कणों के पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराने से पैदा होती है. धरती का चुंबकीय क्षेत्र इन कणों को ध्रुवों(Poles)की तरफ भेज देता है जिससे South और North Poles पर खास रोशनी दिखाई देती है. लेकिन मंगल ग्रह ने अबरों साल पहले अपना चुंबकीय क्षेत्र खो दिया था जिस वजह से वहां का Aurora पूरे ग्रह के आसमान में कहीं भी दिख सकता है.
पहली बार ये रोशनी कब देखी गई थी?
मार्च 2024 में NASA के Perseverance Rover ने पहली बार मंगल ग्रह पर दिखने वाली Aurora को रिकॉर्ड किया था. यह पहली बार था जब मंगल ग्रह की सतह से ऐसी किसी घटना को देखा और रिकॉर्ड किया गया. हाल ही में, हेलसिंकी में यूरोप्लेनेट साइंस कांग्रेस में वैज्ञानिकों ने रोवर द्वारा की गई दूसरी खोजों के बारे में बताया.
इस खोज से क्या जानकारी मिलेगी?
यह खोज मंगल ग्रह के ध्रुवीय प्रकाश को समझने से हमें ग्रहों के वातावरण और सूर्य के बीच के संबंधों के बारे में ज्यादा जानकारी मिलेगी. जैसे-जैसे मंगल ग्रह के रहस्यों को सुलझा रहे हैं, यह सवाल बना हुआ है कि ये खोजें भविष्य के मिशनों को कैसे प्रभावित करेगी.
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