होटल मालिको व कर्मचारियों का अभद्र व्यवहार आम बात है ?जिसका परिणाम यही होता है, खाकी ओर सफेद पोशों के संरक्षण में मनमर्जी के मालिक बन जाते है ?

News Desk
3 Min Read

जबलपुर (नवनीत दुबे) सर्वविदित है बीते दिन संस्कारधानी के पुराने बस स्टैंड के पास संचालित अभिनंदन होटल में दिनदहाड़े गोली चलने की घटना ने सनसनी मचा दी,अब पूरे घटनाक्रम को लेकर सम्बंधित थाना क्षेत्र की पुलिस आरोपी की पतासाजी में जुट गई है,लेकिन इस समूचे घटनाक्रम के पीछे जो पहलू दृष्टि गत हो रहा है वह सोचनीय है ? गोली कांड के पीछे की मुख्य वजह अभिनंदन होटल के कर्मचारी द्वारा भोजन करने आए ग्राहक से बदतमीजी की गई जिसका होटल संचालक ने समर्थन किया ,स्वाभाविक सी बात है परिवार के साथ भोजन करने आए व्यक्ति को उसके परिवार के सामने जलील करना कहा तक उचित है,साथ ही होटल कर्मचारियों का इस तरह का गुंडोही रवैया होटल संचालक की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगता है,हालांकि ये कोई पहला मामला की किसी परिवार के साथ होटल स्टाफ व संचालक द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया है शहर के अधिकांश होटलों में आय दिन किसी न किसी संभ्रांत परिवार को अपमानित को जलील किया जाता है ,

अब प्रश्न ये उठता है के होटल संचालकों के ये अकड़ू रवैया किसकी शह पर होता है ? तो ये बात भी सर्वविदित है के खाकीधारी आरक्षक से लेकर थाना प्रभारी की कृपा दृष्टि इन होटल संचालकों पर होती है ?और सोने पे सुहागा तो ये होता है के राजनीतिक दल के दिग्गजों ओर सत्ता के पदासीन माननीयों की विशेष कृपाहस्त होता है ,ऐसा हो भी क्यो न खाखी से लेकर सफेदपोशों की हर सुविधा का पूर्ण ईमानदारी से ये होटल संचालक सेवाभावी बन ख्याल रखते है ?तो लाजिमी है के जब रसूखदार नेता और कानून के डंडा धारी के विशेष स्नेह की परिणीति स्वरूप होटल संचालकों की दबंगई का शिकार तो आम जन को होना ही पड़ेगा ?फिर भले होटल संचालक बिल बढ़चढ़कर बनाय, बेस्वाद खाना परोसे,हीक मेरी ग्रेवी या सड़ांध मरता भोजन खिलाये, ओर इस अनैतिक कृत्य का संभ्रांत विरोध करे तो गाली गलौच ओर लात जूतों का शिकार बने ?

ऐसे में फरियादी अपनी फरियाद किसे सुनाई क्योकि जिम्मेदारों को तो होटल संचालकों की सेवाभाव के फलस्वरूप हर आरोप प्रत्यारोप से सुरक्षा जो करनी है ?मुद्दे की बात ये है के जिस तरह होटल अभिनानंदन में बेइज्जती का शिकार हुए युवक व उसके परिवार के अपमान के फलस्वरूप क्रोधतुर युवक द्वारा होटल में घुस कर गोली चलाई गई लेकिन आरोपी की मंशा होटल संचालक को मारने की नही थी ,सिर्फ उसे ये प्रदर्शत करने की थी के आम आदमी का भी सम्मान होता है,अपमान की परिणीति कुछ ऐसी होती है,कलम का आशय घटना का समर्थन करना नही अपितु होटल संचालको के मनमाने रवैये ओर ग्राहकों से की जाने वाली गाली गलौच अभद्रता पर कानूनी अंकुश लगवाना है ?

Share This Article
Leave a comment