जबलपुर (नवनीत दुबे) लंबे समय से प्रदेश युवक कॉंग्रेस के नए अध्यक्ष के नाम को लेकर कयास लगाये जा रहे थे,बहुप्रतीक्षित ताजपोशी को लेकर कोंग्रेसी कद्दावरों में भी उत्सुकता बनी हुई थी,जिस पर आज विराम लगाते हुए मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के नए अध्यक्ष के रूप में यश घनघोरिया के नाम पर मुहर लगा दी गई,विदित हो के बीते कुछ समय पूर्व हुए मतदान में यश की प्रबल दावेदारी मानी जा रही थी,ओर हुआ भी ऐसा ही आज मत गणना से प्राप्त हुए वोट के आधार पर यश का पलड़ा भारी नजर आया ,अपने प्रतिद्वंद्वी अभिषेक परमार को एक लंबी लीड से शिकस्त देने के बाद यश के नाम को घोषणा कर दी गई,मुद्दे की बात पर आते है लखन घनघोरिया जो कांग्रेस के कद्दावर नेताओ में गिने जाते है उनका सियासती वजन युवक कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर उनके पुत्र यश की स्थापना पर आसीन होने दाव पर लगा था,लंबे समय से कांग्रेस की राजनीति में लखन का वर्चस्व जनप्रियता ,ओर पार्टी में उनका रसूख सर्वविदित है,अब ऐसे में उनके पुत्र का प्रदेश अध्यक्ष चुनाव में शामिल होना श्री घनघोरिया की प्रतिष्ठा और सियासती रसूख को अग्रणी रख कर देखा जा रहा था,
अंततः लखन की सियासती विरासत को आगे बढ़ाने में यश का चुनाव जीतना भविष्य की दृष्टि से कई संकेत दे रहा है,ये कहना अतिश्योक्ति नही होगा के संस्कारधानी जबलपुर की पूर्व विधानसभा से कांग्रेस के अगले प्रत्याशी के रूप में यश घनघोरिया को देखा जा रहा है,हालांकि वर्तमान में कांग्रेस की जो राजनीतिक स्थिति मध्यप्रदेश में है उसे देखते हुए ये कहना अनुचित नही होगा के यश के लिए अध्यक्ष की जिम्मेदारी कांटो का ताज साबित होगी क्योकि जिस तरह गुटबाजी से ग्रसित कांग्रेस पार्टी प्रदेश में अपने अस्तित्व को पुनः स्थापित करने जी तोड़ मेहनत कर रही है उसे देखते हुए नए प्रदेश अध्यक्ष को सबको साथ लेकर चलना भारी मशक्कत का कार्य होगा ,साथ ही भितरघाती अभी से यश के लिए सियासती खाई खोदने में पूरी तरह तत्पर हो जायँगे ? हालांकि यश को अपने पिता लखन के सियासती दांवपेंच ओर सूझबूझ के अनुभव का पूरा लाभ मिलेगा ,जिसके फलस्वरूप वे बड़ी मजबूती से अपनी पारी खेलेंगे , अब देखना ये रोचक होगा के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर आसीन यश घनघोरिया किस रणनीति ओर सियासती कार्ययोजना का निर्धारण कर अपने नाम के अनुरूप युवक कांग्रेस के यश और पिता लखन घनघोरिया की सियासती साख पर खरे उतरते है ।
