न नोटिस ,न चेतावनी ,अमला आया और जमीदोज कर दी चौपाटी ? किसके इशारे पर भरे त्यौहार मे अलग कर दी गई विजय नगर चौपाटी ?

News Desk
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जबलपुर (नवनीत दुबे )आज का दिन विजय नगर में खाने पीने की ठेला नुमा दुकान लगाने वालों के लिए कहर बनकर आया,सुबह 8 बजे ही अतिक्रमण विरोधी दस्त जिम्मेदार अधकारी ओर सिक्योरिटी नुमा बाउंसरों के साथ लंबे समय से आबाद चौपाटी को नेस्तोनाबूत ,जमीदोज करने में जुट गया,आलम ये था के दुकान संचालक अधिकारियों कर्मचारियों के आगे हाथ पैर जोड़ रहे थे के दीपोत्सव पर्व है ऐसे में कुछ दिन की मोहलत दे दी जाय जिसके बाद वह खुद अपनी दुकानें अलग कर लेंगे और निगम प्रसाशन जहाँ स्थान नियत करेगा वहा स्थापित होकर व्यापार कर लेंगे,पर हाय री विडंबना रौबदार अधिकारी और उनके अधीनस्थ अपने रॉब के आगे इन गरीबो की कहा सुनने वाले थे बस जेसीबी का पंजा धड़ाधड़ अपने काम मे लग गया और देखते ही देखते ठेलानुमा दुकानों की दुर्दशा प्रारम्भ हो हो ,हालांकि जब इस घटना की जानकारी उतर मध्य के पूर्व विधायक विनय सक्सेना को लगी तो वह तुरंत अहिंसा चोक चौपाटी क्षेत्र में पहुच गए और निगम के अधिकारियों से चर्चा की के भरे त्योहार में इन गरीबो के जीवन यापन का संकट उत्पन्न न करे ,पूर्व विधयक की बात पर सहमति जताते हुए 5 दिन का समय दे दिया गया व्यपार करने लेकिन इसके पश्चात यहाँ पुनः चौपाटी व्यापार संचालित न करने की चेतावनी भी दी गई,मुद्दे की बात पर आते है इस बात में सोलह आने सत्यता है के विजय नगर में संचालित चौपाटी अवैध तरीके से संचालित हो रही थी ,ओर जिसके चलते शाम ढलते ही बीच सड़क पर वाहनों की पार्किंग कर दी जाती थी, साथ ही दुकान संचालक यहाँ गंदगी फैलाते थे,लेकिन इस समूचे घटनाक्रम में एक पहलू प्रश्न वाचक है ? बीते दस वर्षों से विजय नगर में अवैध चौपाटी किसके संरक्षण में संचालित हो रही थी ?चर्चा तो ये भी है के भाजपा के ही कुछ स्थानीय नेताओं द्वारा प्रति दुकानदार से दस हजार रुपये लिए गए थे और पूर्ण आश्वस्त किया गया था के जिसकी जहाँ दुकान है वह वहा पर स्थायी तौर पर रहेगा जिसके एवज में दस हजार लिए जा रहे है ,ओर निगम के सम्बंधित विभाग में जमा करवाए जा रहे है ?लेकिन दुकान संचालको को ये बात समझ नही आई के जहाँ वह चौपाटी के नाम पर दुकान संचालित कर रहे है वह पूर्णतः अवैध अतिक्रमण की परिधि में आता है ,ओर हुआ भी कुछ ऐसा ही लंबे समय से चल रही चौपाटी एकाएक अपने अवैध अस्तित्व को आज धराशायी होते देख रही थी,मुद्दे की बात पर आते है विजय नगर चौपाटी सर्वविदित है के अवैध अतिक्रमण कर संचालित हो रही थी जिससे चौपाटी के पीछे बने बड़े बड़े प्रतिष्ठानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था ,पर बिना सूचना बिना नोटिस के आज दलबल के साथ अतिक्रमण विभाग अधिकारी का ये एक्शन किसी को हजम नही हो रहा ,चर्चा तो ये भी है के सत्ता के एक दिग्गज पदासीन के इशारे पर आनन -फानन में अतिक्रमण विरोधी दस्ता बिना नोटिस ,बिना सूचना के ताबड़तोड़ कार्यवाही करने सुबह आठ बजे से जुट गया था ?

खैर विजय नगर चौपाटी तो अस्तित्व विहीन हो गई लेकिन चौपाटी के आगे ही बीच मार्ग पर अवैध अन्य ठेले धड़ल्ले से संचालित हो रहे है और यातायात व्यवस्था को प्रभावित कर रहे है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी और अधीनस्थ उन अवैध अतिक्रमण करियो पर कार्यवाही नही कर रहे ,संभवतः किसी दिग्गज नेता या रसूखदार का आदेश इन महोदयों को अभी न मिला हो ?

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