आखिर कहा कहा से कब तक पलायन करेगा हिन्दू ?

News Desk
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जबलपुर (नवनीत दुबे) बीते दिनों एक खबर प्रकाश में आया जिसमे हिंदुओ के पलायन की खबर सामने आई ,हालांकि ये कोई नई बात नही है कि हिन्दू अपनी संस्कृति सभ्यता की आड़ में अपनी कायरता छुपाता है, और पलायन करने लगता है ?मुद्दे की बात पर आते है मध्यप्रदेश के सागर जिले में शुक्रवारी ओर शनिश्चरी रहवासी क्षेत्र में बढ़ती मुस्लिम आबादी के चलते हिन्दू परिवारों के पलायन की खबर आ रही है,पलायन की विशेष वजह मुस्लिमो द्वारा अपना वर्चस्व स्थापित करने हिंदुओ को भयभीत किया जा रहा है ?साथ ही कबाड़ का धंधा, मास मच्छी की दुकानों का खुले में संचलन,बेवजह विवाद करना ,लाउड स्पीकर के द्वारा शोर मचाना,छेड़खानी, इत्यादि वजह बताई जा रही है,अब प्रश्न ये उठता है के आखिर किन मंसूबो के चलते हिन्दू बहुल आबादी वाले क्षेत्रों में मुस्लिम अपना डेरा जमा रहे है ?

और वाद विवाद की स्थिति निर्मित कर भय का माहौल बना रहे है,सोचनीय पहलू ये है कि आखिर कानून व्यवस्था के जिम्मेदार इन शांतिदूतों पर कठोर कार्यवाही क्यो नही कर पा रहे ?आखिर कौन सियासती आका के करहस्त तले ये लोग अपना वर्चस्व स्थापित करने उत्पात ओर अशांति का वातावरण बनाकर हिंदुओ को घर छोड़ कर भागने विवश कर रहे है ?हालांकि सागर जिले में हिंदुओं का पलायन कोई नई बात नही है मध्प्रदेश के ही कई जिलों में मुस्लिमो की बढ़ती आबादी के फलस्वरूप हिंदुओ को अपना घर बेचकर भागना पड़ा रहा है,सूत्रों की माने तो एक सुनियोजित तरीके से पूरा खेल चल रहा है जिसकी परिणीति हिन्दू पलायन के रूप में सामने आ रही है,ऐसे में प्रश्न यही उठता है कि आखिर कब तक हिन्दू परिवार बढ़ती मुस्लिम आबादी के चलते पलायन करते रहेंगे आज यहाँ से पलायन कर भाग रहे कल दूसरे रहवासी क्षेत्रो में मुस्लिम आबादी बढ़ेगी तो वहाँ से भी भागेंगे ,आखिर कब तक ओर कहा कहा भागेगा हिन्दू पलायन के नाम पर ? एक तरफ तो सियासत के मठाधीश ओर धर्माचार्य बड़े बड़े मंचो से हिन्दू राष्ट्र और हिन्दू एकता की बात करते है,पर वास्तविकता की धरा पर सब खोखली नजर आ रही है,और सियासती चाणक्य सिर्फ वोट बैंक की सियासत कर रहे है ,ओर धर्माचार्य सिर्फ अपने ग्लेमर फेस को चमकाने की राजनीति कर रहे है ?वही एक अहम पहलू जो महत्वपूर्ण है वो ये के हिन्दू समाज सिर्फ फूहड़ आयोजनों, ओर दिखावे की चकाचोंध में खुद को आधुनिक दर्शाने की होड़ में जुटा है,ओर धार्मिक मर्यादा व संस्कृति को दरकिनार कर पाश्चत्य सभ्यता का गुलाम बनता जा रहा है,कहने को तो न जाने कितने हिन्दू संगठन हिंदुत्व के लिए कार्य कर रहे है जिसमे प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी भी हिन्दू हितेषी का ही चोला ओढ़ कर अग्रणी है ,लेकिन लचर कानून व्यवस्था ओर हिन्दू समाज की कमजोर आत्म प्रवत्ति के परिणाम स्वरुप ही आज जगह जगह से हिन्दू भाग भाग कर पलायन का नाम दे रहा है ?सोचिए यदि यही आलम रहा तो आने वाले वर्षों में स्थिति क्या होगी और हिन्दू फिर कहा पलायन करके शरण लेगा ?

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